Osteoporosis in Hindi Blog

ऑस्टीओपरोसिस क्या है? (What is Osteoporosis?)

ऑस्टीओपरोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसे साइलेंट डिज़ीज़ (Silent Disease) भी कहा जाता है। यह बीमारी जानलेवा या घातक नहीं है, पर धीरे धीरे अंदर ही अंदर शरीर कमजोर करते जाती है। ऑस्टीओपरोसिस में शरीर कि हाड़ियाँ धीरे धीरे कमजोर होने लगती है। जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ते जाती है, हमारा शरीर हड़ियों में से कैल्सीयम और प्रोटीन निकालने लगता है, जिसके कारण हमारा शरीर कमजोर लगता है।

ऑस्टीओपरोसिस कैसे होता है? (How Osteoporosis Develops?)

हमारी हड्डियों में हमेशा बदलाव होते रहता है । यहाँ दो प्रकार के सेल्ज़ (CELLS) काम करते है । आस्टीअक्लैस्ट (Osteoclast) और ओस्टेओबालस्त (Osteoblast)। आस्टीअक्लैस्ट (Osteoclast) का काम है हड्डियों से कैल्सीयम और प्रोटीन निकलना, वही आस्टीअब्लैस्ट (Osteobalst) का काम है हड्डियों में कैल्सीयम डाल कर उन्हें मज़बूत करना। पर उमर के साथ आस्टीअब्लैस्ट (Osteoblast) कम काम करने लगते है और आस्टीअक्लैस्ट ( Osteoclast) हड्डियाँ कमजोर करते रहते है, जिसके कारण हड्डी शुष्क और पोची होने लगती है। जिस कारणवस मामूली चोट लगने पर भी फ़्रैक्चर की सम्भावना बढ़ जाती है। अगर समय पे निदान नहीं किया जाए, तो यह शरीर को दुर्बल बना देता है।

ऑस्टीओपरोसिस के कारण? (Reasons for Osteoporosis)

ओस्टेओपेरोसिस के कारण बहुत सारे है, उन्मे से निम्न दिए हुए कारण मुख्य है।

  • १। औरतों में माहवारी का बंद होना
  • २। धूम्रपान
  • ३। आलसी दिनचर्या
  • ४। कसरत और वर्जिश कि कमी
  • ५। testosterone की कमी
  • ६। steroids का इस्तेमाल
  • ७। मध्यापान
  • ८। खाने में कैल्सीयम और प्रोटीन कि कमी
  • ९। अनुवंशिक
  • १०। मोटापा
क्या हम ऑस्टीओपरोसिस को रोक सकते है? (Can we prevent Osteoporosis?)

ऑस्टीओपरोसिस कई अंदरूनी कारणो से होती है पर हम senile या बुढ़ापे में होने वाले ऑस्टीओपरोसिस को हम कुछ हद्द तक रोक सकते है।

  • १। ३० साल की उमर के बाद औरतों में और ५० की उमर कि बाद मर्दों में रोज़ाना कैल्सीयम एंड VItamin D३ का महीने में एक बार सेवन।
  • २। हर दिन कसरत करना।
  • ३। धूम्रपान (Smoking) बंद करना।
  • ४। मध्यपान (Drinking Alcohol) बंद करना।
  • ५। वजन कम करना
आपको कैसे पता चलेगा कि आपको ओस्टेओपरोसिस है? (How do know you have osteoporosis?)

ओस्टेओपरोसिस को Silent Disease कहा जाता है। यह बीमारी धीरे धीरे शरीर की हाड़ियों को अंदर से खोकला करने लगती है। ओस्टेओपरोसिस औरतों में माहवारी बंद होने कि बाद एंड मर्दों में ६५ साल कि उम्र का बाद डिवेलप होने लगता है। पर कभी कभी किसि दूसरे कारणो के कारण young लोगों में भी ऑस्टीओपरोसिस डिवेलप होने लगता है। ज़्यादातर लोग फ़्रैक्चर होने कि बाद डॉक्टर की सलाह लेने आते है।

ओस्टेओपोरोसीस के कारण निम्न दिए हुए समसायाओं के साथ मरीज़ आता है।

  • १। कमर का दुखना।
  • २। कूबड़ निकलना।
  • ३। सारे joints दुखना।
  • ४। धीरे धीरे height काम होना।
  • ५। जल्दी थकना।
  • ६। आराम करने पे भी दर्द कम ना होना ।
  • ७। मामूली चोट में फ़्रैक्चर हो जाना।
  • ८। मसाज़ करने पे शरीर का दुखना
  • ९। सारे शरीर का दुखना।
ऑस्टीओपरोसिस का निदान कैसे होगा? (How to diagnosis Osteoporosis?)

अगर आप को इनमे से कोई भी समस्या है तो अपने Spine Specialist से सम्पर्क करे। ऑस्टीओपरोसिस का निदान के लिए आपका Spine Specialist आपको Bone Density Scan करने की सलाह देगा। WHO ने Bone Density Scan में कुछ parameters निर्धारित किए है जिसे आपको ओस्टेओपरोसिस है की निदान हो payega। WHO की अनुसार अगर BONE Density Scan score -2.5 से कम है तो उसी ओस्टेओपरोसिस है ऐसा कहा जाएगा।

Osteoporois in Hindi
ऑस्टीओपरोसिस का इलाज क्या है? (What is the treatment of Osteoporosis?)

यह निर्भर करता है आप किस Stage of ओस्टेओपरोसिस में अपने डॉक्टर कि पास जाते है। अगर आपको ओस्टेओपरोसिस के कारण फ़्रैक्चर हो तो उसका ट्रीटमेंट फ़्रैक्चर कि प्रकार और जगह पे निर्भर करता है। अगर फ़्रैक्चर स्टेज में पेशंट आए तो पीठ/मनके/Spine फ़्रैक्चर ज़्यादा तर आराम, दर्द की दवाई, कमर कि पट्टे का इस्तेमाल करने से ठीक हो जाता है। पर हाड़ियों की हालत ख़स्ता होने कि कारण कभी कभी यह फ़्रैक्चर जुड़ता नहि जिसके कारण करवट बदलने पर, उठ कि बैठने पर असहनीय दर्द होता है। इस्स टाइम पे पेशंट को कभी कभी surgery भी लग सकती है। पर इसका निर्णय अपने स्पाइन स्पेशलिस्ट की सलाह पे ही लीजिए।

अगर आप ऑस्टीओपरोसिस के initial stages में निदान होता है तो ओस्टेओपरोसिस को दवाई से रोका या रिवर्स किया जा सकता है।

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